दामोदर प्रभू गेले . साठोत्तरीतले ते एक लक्ष्यवेधी कवी होते पण ग्लॅमर निर्माण करण्यात अयशस्वी झाल्याने त्यांच्याविषयी फारशी चर्चा झाली नाही . कल्पनाविलासाऐवजी साधेपणावर त्यांच्या कवितेचा भर होता आणि हा भर त्यांची मर्यादाही ठरली . त्यांना माझी श्रद्धांजली .
Saturday, December 24, 2016
Wednesday, December 21, 2016
कई लोगोंके पैसेका कचरा हो गया
जिसके पास नहीं था वो भी बकरा हो गया
जिनके हाथमे दिया था सर अपना उन्होंने
पगड़ी उछालके कहा ये तो सरफिरा हो गया
जो समुन्दरकी तरह निकलता था सीना तानके
वो एटीमके के कतारमें कतरा हो गया
वो आवेश जो लगता था किसी सिकंदरका हैं
चालीस दिनमे वो जनाना नखरा हो गया
हमने तो सोचा था कोई मसीहा आया हैं
बवाल क्या मचा वो तो बावरा हो गया
'' बेवकूफ ''
Sunday, December 18, 2016
सूरज तो चौबीस घंटे आसमानमें हैं
ये पृथ्वी हैं जो चौबीस घंटे उजाला सह नहीं पाती
मुँह मुकरती हैं कभी पीठ मुकरती हैं
मगर पूरीतरहसे अपना बदन मुकर नहीं पाती
सितारोंमे बसनेकी पुरखोंकी औकात होती
तो मरनेके बाद क्यों सितारे बन जाते
जिन्दा थे तभी आसमाँको छू लेते
खाकमें इनकी लाश बिख़र नहीं पाती
सौगुणा अच्छी हैं चांदसे तेरी सूरत
चाँदपे लगे दाग़से अच्छा हैं तेरा पिम्पल
तू जो हैं जैसी हैं अच्छी हैं तेरेबिना
जिंदगीकी खूबसूरती सँवर नहीं पाती
आसमानके उजालोँको आसमानमे रहने दो
तेरे मेरे बीचमे जो हैं वहीँ सच हैं
उन गोलोंसे अच्छे तेरे सीनेके गोले
जिनके बगैर हमारी बच्ची जिन्दा रह नहीं पाती
आसमाँ के फ़रिश्तोंका इन्तजार न कर
वो मौजूदही नहीं तो आयेंगे कहाँसे
हमारा यहाँ होना एक हादसा हैं सनम
ये सीधीसी बात क्यूँ तू समझ नहीं पाती
श्रीधर तिळवे ''बेवकूफ ''
ये पृथ्वी हैं जो चौबीस घंटे उजाला सह नहीं पाती
मुँह मुकरती हैं कभी पीठ मुकरती हैं
मगर पूरीतरहसे अपना बदन मुकर नहीं पाती
सितारोंमे बसनेकी पुरखोंकी औकात होती
तो मरनेके बाद क्यों सितारे बन जाते
जिन्दा थे तभी आसमाँको छू लेते
खाकमें इनकी लाश बिख़र नहीं पाती
सौगुणा अच्छी हैं चांदसे तेरी सूरत
चाँदपे लगे दाग़से अच्छा हैं तेरा पिम्पल
तू जो हैं जैसी हैं अच्छी हैं तेरेबिना
जिंदगीकी खूबसूरती सँवर नहीं पाती
आसमानके उजालोँको आसमानमे रहने दो
तेरे मेरे बीचमे जो हैं वहीँ सच हैं
उन गोलोंसे अच्छे तेरे सीनेके गोले
जिनके बगैर हमारी बच्ची जिन्दा रह नहीं पाती
आसमाँ के फ़रिश्तोंका इन्तजार न कर
वो मौजूदही नहीं तो आयेंगे कहाँसे
हमारा यहाँ होना एक हादसा हैं सनम
ये सीधीसी बात क्यूँ तू समझ नहीं पाती
श्रीधर तिळवे ''बेवकूफ ''
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